tag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post7252235311302409445..comments2023-11-25T00:59:00.677+14:00Comments on चौराहा: एक आंसू गुनगुनाता रहा उम्र भर...चण्डीदत्त शुक्ल-8824696345http://www.blogger.com/profile/07464479436953603553noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-71194544399122778572014-11-13T04:33:39.284+14:002014-11-13T04:33:39.284+14:00प्रेम के दिन भी कितने गिने चुने होते हैं ना कोटे स...प्रेम के दिन भी कितने गिने चुने होते हैं ना कोटे से मिले राशन की तरह.... सच लिखा<br />भावविभोर कर देने वाली कहानी...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01935133266832519300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-61388638749424919722014-11-12T04:37:49.258+14:002014-11-12T04:37:49.258+14:00उफ्फ इतना दर्द। निहारिका निगाहों से हट ही नहीं रही...उफ्फ इतना दर्द। निहारिका निगाहों से हट ही नहीं रही।Niraj Palhttps://www.blogger.com/profile/12597019254637427883noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-74572065398907259482014-11-12T04:18:49.660+14:002014-11-12T04:18:49.660+14:00पहली बार आंसुओं की जुबान सुनी ।बहुत भावुक कर गयी य...पहली बार आंसुओं की जुबान सुनी ।बहुत भावुक कर गयी ये कहानी। धन्यवाद।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11390602321617445656noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-28109908531294302332014-06-14T23:57:30.327+14:002014-06-14T23:57:30.327+14:00kammal ka likhe ho bhai! dubo dete ho ek dam se ka...kammal ka likhe ho bhai! dubo dete ho ek dam se kahani me! badhayi<br />Khare Ahttps://www.blogger.com/profile/08834832296834095341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-60929064678022338732014-06-14T19:40:12.404+14:002014-06-14T19:40:12.404+14:00इतनी प्यारी कहानी,अरे सी डी तुम तो बहुत सुन्दर लिख...इतनी प्यारी कहानी,अरे सी डी तुम तो बहुत सुन्दर लिखते हो दिल छू लिया| <br />dil ki baathttps://www.blogger.com/profile/12532864230582664375noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-7777186534773848792014-06-04T03:38:50.591+14:002014-06-04T03:38:50.591+14:00प्रेम के दिन भी कितने गिने-चुने होते हैं। कोटे से ...प्रेम के दिन भी कितने गिने-चुने होते हैं। कोटे से मिले राशन की तरह. <br />Bahut hi khoobsurat kahani. kuch panno mein jaise ek poori zindagi simat gayi ho. Likhte rahiye Chandidutt Saab!Shekhar Chakrabortyhttps://www.blogger.com/profile/01988270320192263435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-62521396629497923462014-04-24T08:35:44.903+14:002014-04-24T08:35:44.903+14:00Bahut hi badhiya ...Bahut hi badhiya ...Savita Jakhar Gandashhttps://www.blogger.com/profile/08140292457685607524noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-265852573442506742014-02-08T00:41:00.018+14:002014-02-08T00:41:00.018+14:00बुक्का फाड़कर तो नहीं..पर टप-टप गिरती कुछ बूँदें. ...बुक्का फाड़कर तो नहीं..पर टप-टप गिरती कुछ बूँदें. बीच में कुछ मुस्कुराते पल भी..दिल छू लेने वाली कहानी, बेहद भावपूर्ण !Preeti 'Agyaat'https://www.blogger.com/profile/10022068567986107219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-25337947740780470272013-01-28T04:15:08.109+14:002013-01-28T04:15:08.109+14:00Ek Din Jab me Pune se laut raha tha,itarsi juction...Ek Din Jab me Pune se laut raha tha,itarsi juction per train se utra or hoshangabad station per hamesha ki tarah magzine dhekne laga,pata tha kuch lene wala nahi huin,bus shopkeeper kuch bole na isliye u hi puch liya ki koi music addition he kya turant jabab aya ha he na,sharm se kharidna pada muzhe laga usne mujhe dhag liya,padkar pata chala nahi mene hi usse dhag liya jab vandana khanna ke blog ne mujhe dhag liya,It was so beautifully written thanks mam....<br />For inspire me to right.<br />http://musicmania25.blogspot.in/p/blog-page.html Sumit gourhttps://www.blogger.com/profile/16806381863643520041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-56126259243755561552012-02-14T07:20:06.503+14:002012-02-14T07:20:06.503+14:00चंडी भाई ! टप टप !
एक तो मैं हूँ ही इमोशनल बाकी रह...चंडी भाई ! टप टप !<br />एक तो मैं हूँ ही इमोशनल बाकी रही सही कसर निहारिका से मिल कर पूरी हो गई .<br />कहानियाँ पढ़ना अभी भी अच्छा लगता है ... ये बात भी पक्की हो गई ... अच्छा ही हुआ कि जैसा कह रहा था "डेस्कटॉप छोड़ता हूँ और ज़रा आराम से लेट कर लैपटाप पर पढ़ी जाये " .. ये तो "<i>मुस्कान ही हमेशा सब कुछ नहीं कहती। आवाज़ में हर बात बंधी नहीं रहती। </i> " पढ़ते ही तय करा और किया भी ... शायद कहानियाँ लेट कर ही पढ़ी जाती हैं !<br /><b>पूरी की पूरी कहानी ही बंधी हुई है कस के फिर भी ...</b><br />"<i>ऐसा हरदम ही होता। निहारिका के बैग में दो जोड़ी रुमाल हमेशा मौजूद रहते। पर्मानेंट जुकाम की पेशेंट है वो। आंखें और नाक पोंछती हुई, न...न, रोती नहीं थी, पर मल्हार हंस देता – `इनसे मिलिए, एकता कपूर के सीरियल्स की बड़ी बहू। इनका हंसना-गाना, खाना-पीना, सब आंसुओं के साथ होता है।'</i> ..." <b>रोचक </b><br />और ...<br /><i>" बस, ऐसी ही है निहारिका। जिसकी जो मर्जी, सोच ले। उसको शर्म नहीं आती। बुक्का फाड़कर, मजलिस के बीच भी, क्लास रूम में, जब चाहे, जहां जी करे, रो देने वाली। उसकी समझ में नहीं आता कि हंसना-रोना कौन-सी अभद्रता की बात है, जो उसके लिए `एक्सक्यूज मी, एक्सक्यूज मी' का रट्टा लगाती फिरे, इसलिए `मिस इमोशनल' का तमगा लग जाने से भी वो नहीं डरती। " ... </i> यहाँ आप ने <b>"/////'मिस इमोशनल' का तमगा लग जाने से भी वो नहीं डरती/////"</b> बड़ी सटीक बात कह दी; या फिर शायद मैं इसी कैटेगरी में पाता हूँ खुद को इसलिये ....<br />... और <br /><i>"प्यार में कंट्रोल की स्टियरिंग अपने हाथ में कहां होती है। ..."</i> <b>लाजबाव </b><br />... और <br /><i>"प्रेम के दिन भी कितने गिने-चुने होते हैं। कोटे से मिले राशन की तरह, "</i> <b>... बेमिसाल </b><br />..<br />..<br />..<br />भाई लिखते रहें और रुलाते रहें अच्छा पढ़ के रोना अच्छा है ना की बुरा पढ़ के <br />गले लगा रहा हूँ<br />स्नेह सहित भरतBharathttps://www.blogger.com/profile/09488756087582034683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-24716394146925291212012-02-14T07:20:05.509+14:002012-02-14T07:20:05.509+14:00चंडी भाई ! टप टप !
एक तो मैं हूँ ही इमोशनल बाकी रह...चंडी भाई ! टप टप !<br />एक तो मैं हूँ ही इमोशनल बाकी रही सही कसर निहारिका से मिल कर पूरी हो गई .<br />कहानियाँ पढ़ना अभी भी अच्छा लगता है ... ये बात भी पक्की हो गई ... अच्छा ही हुआ कि जैसा कह रहा था "डेस्कटॉप छोड़ता हूँ और ज़रा आराम से लेट कर लैपटाप पर पढ़ी जाये " .. ये तो "<i>मुस्कान ही हमेशा सब कुछ नहीं कहती। आवाज़ में हर बात बंधी नहीं रहती। </i> " पढ़ते ही तय करा और किया भी ... शायद कहानियाँ लेट कर ही पढ़ी जाती हैं !<br /><b>पूरी की पूरी कहानी ही बंधी हुई है कस के फिर भी ...</b><br />"<i>ऐसा हरदम ही होता। निहारिका के बैग में दो जोड़ी रुमाल हमेशा मौजूद रहते। पर्मानेंट जुकाम की पेशेंट है वो। आंखें और नाक पोंछती हुई, न...न, रोती नहीं थी, पर मल्हार हंस देता – `इनसे मिलिए, एकता कपूर के सीरियल्स की बड़ी बहू। इनका हंसना-गाना, खाना-पीना, सब आंसुओं के साथ होता है।'</i> ..." <b>रोचक </b><br />और ...<br /><i>" बस, ऐसी ही है निहारिका। जिसकी जो मर्जी, सोच ले। उसको शर्म नहीं आती। बुक्का फाड़कर, मजलिस के बीच भी, क्लास रूम में, जब चाहे, जहां जी करे, रो देने वाली। उसकी समझ में नहीं आता कि हंसना-रोना कौन-सी अभद्रता की बात है, जो उसके लिए `एक्सक्यूज मी, एक्सक्यूज मी' का रट्टा लगाती फिरे, इसलिए `मिस इमोशनल' का तमगा लग जाने से भी वो नहीं डरती। " ... </i> यहाँ आप ने <b>"/////'मिस इमोशनल' का तमगा लग जाने से भी वो नहीं डरती/////"</b> बड़ी सटीक बात कह दी; या फिर शायद मैं इसी कैटेगरी में पाता हूँ खुद को इसलिये ....<br />... और <br /><i>"प्यार में कंट्रोल की स्टियरिंग अपने हाथ में कहां होती है। ..."</i> <b>लाजबाव </b><br />... और <br /><i>"प्रेम के दिन भी कितने गिने-चुने होते हैं। कोटे से मिले राशन की तरह, "</i> <b>... बेमिसाल </b><br />..<br />..<br />..<br />भाई लिखते रहें और रुलाते रहें अच्छा पढ़ के रोना अच्छा है ना की बुरा पढ़ के <br />गले लगा रहा हूँ<br />स्नेह सहित भरतBharathttps://www.blogger.com/profile/09488756087582034683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-27924677617486492562012-02-10T06:33:14.627+14:002012-02-10T06:33:14.627+14:00जिस तरह से जीवन में हर सफ़र का अंत दुसरे सफ़र की श...जिस तरह से जीवन में हर सफ़र का अंत दुसरे सफ़र की शुरुआत का संकेत होता है, ठीक उसी तरह हर प्रेम का अंत या विफलता दुसरे प्रेम की शुरुआत की प्रतीक, ज़रूरी नहीं के ये प्रेम सिर्फ प्रेमियों तक सिमित रहे...<br />मल्हार के जाने के बाद निहारिका का अपना भविष्य कोमल में तलाश लेना उसी शुरुआत को दिखाता है...जीवन गतिशील है और प्रेम भी :)इलाhttps://www.blogger.com/profile/06644384320209843329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-75576762890233110862012-02-10T06:32:37.615+14:002012-02-10T06:32:37.615+14:00This comment has been removed by the author.इलाhttps://www.blogger.com/profile/06644384320209843329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-16335194751551731812012-02-09T21:20:40.617+14:002012-02-09T21:20:40.617+14:00प्रेम पर अगर पीएचडी की जाती है
तो यह आपके ही नाम ल...प्रेम पर अगर पीएचडी की जाती है<br />तो यह आपके ही नाम लिख रहा हूं मैं<br /><br />कहानी में कविता का भी आनंद पाना हो<br />तो इस कहानी का नाम लिख रहा हूं मैं<br /><br />सुख और दुख का दलिया कैसे बनाया जाता है<br />जानना हो तो इस दलिए का नाम लिख रहा हूं मैं<br /><br />हां इसमें नमक कुछ अधिक ही है<br />पर बिना अधिक नमक के तो मुझे<br /><br />हजम ही नहीं होती यह कहानी यानी कविता<br />क्योंकि डायबिटीज का भी मरीज हूं मैं<br /><br />प्रेम पर डॉक्टरेट के लिए चंडीदत्त का नाम<br />घोर प्रस्तावित कर रहा हूं मैं चंडी भाई।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-17204873352218673302012-02-07T00:11:43.443+14:002012-02-07T00:11:43.443+14:00पहली बार आया हूं आपके चौराहे पर ... मन मोहक है और ...पहली बार आया हूं आपके चौराहे पर ... मन मोहक है और सार समेटे है... सुंदर ...पी के शर्माhttps://www.blogger.com/profile/02419277158229138144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-63402488116934693422012-02-06T23:55:36.934+14:002012-02-06T23:55:36.934+14:00ekdum alhada kism ka lekhan... Bahut Bahut Badhai....ekdum alhada kism ka lekhan... Bahut Bahut Badhai... :)leftoverhttps://www.blogger.com/profile/13808275278947611385noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-28917529453550088102012-02-06T23:27:54.856+14:002012-02-06T23:27:54.856+14:00motiyon se bhavon ko shabdo ke dhage me piroyi hui...motiyon se bhavon ko shabdo ke dhage me piroyi hui ke mohak kahani....<br /><br /> - suman saraswat<br /> mumbai.Suman Saraswathttps://www.blogger.com/profile/17535111875871337308noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-49389816322991995992012-02-06T23:17:28.111+14:002012-02-06T23:17:28.111+14:00aisa lag raha kahani ke shabadon main login kar di...aisa lag raha kahani ke shabadon main login kar diya hai ek jeevan koअमृता गुलज़ार अय्यर https://www.blogger.com/profile/03165698413132790352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-81631682532711448172012-02-06T21:33:16.169+14:002012-02-06T21:33:16.169+14:00Bahut badhiya!Bahut badhiya!Pratibha Katiyarhttps://www.blogger.com/profile/08473885510258914197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-79696996215828008232012-02-06T21:26:34.653+14:002012-02-06T21:26:34.653+14:00वाह!... एक-एक वाक्य तराशा हुआ है। इस कहानी में कोई...वाह!... एक-एक वाक्य तराशा हुआ है। इस कहानी में कोई विशेष कहानी तो नहीं है पर भाषा की खूबसूरती इतनी अधिक है कि शुरु से आखिर तक पढ़े बिना रहा नहीं जाता। चंडीदत्त भाई, आप तो शब्दों के कारीगर हैं! कमाल की कहानी लिखी है!Lalit Kumarhttp://www.lalitkumar.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-45502889240685463612012-02-06T21:17:18.922+14:002012-02-06T21:17:18.922+14:00आपकी भाषा पर तो बस फिदा हो जाने का जी चाहता है..वा...आपकी भाषा पर तो बस फिदा हो जाने का जी चाहता है..वाकई अद्भूत कहानी है..Anshu Mali Rastogihttps://www.blogger.com/profile/01648704780724449862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-53766514044739136062012-02-06T02:19:53.862+14:002012-02-06T02:19:53.862+14:00bahut sunder kahani hai :)bahut sunder kahani hai :)@ngel ~https://www.blogger.com/profile/18294353918556424079noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-61498575474107982042012-02-06T00:19:47.618+14:002012-02-06T00:19:47.618+14:00कढ़ाई से सजे किनारे वाली एक सफेद चादर नील में डुबा...कढ़ाई से सजे किनारे वाली एक सफेद चादर नील में डुबाकर किसी ने आसमान पर उछाल दी। प्रेम के दिन भी कितने गिने-चुने होते हैं। कोटे से मिले राशन की तरह. निहारिका ने कोमल के गुलाब जैसे हाथ अपनी हथेली पर फैला लिए और उसकी लकीरों में कुछ तलाशने लगी। कुछ बातें जो बेहद प्यारी हैं गुनगुनाते हुए एक आंसू की तरह...<br />आंसुयों, शब्दों और उम्मीदों से बुनी सुंदर कहानी ....vandana khannahttp://gmail.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-17182141110922756022012-02-05T23:55:09.148+14:002012-02-05T23:55:09.148+14:00"एक आंसू गुनगुनाता रहा उम्र भर... अब इसके आगे..."एक आंसू गुनगुनाता रहा उम्र भर... अब इसके आगे क्या कहूँ? निशब्द कर दिया।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7793152972586917066.post-63865354352662519472012-02-05T23:23:27.851+14:002012-02-05T23:23:27.851+14:00'एक आंसू मुस्कुराता रहा उम्र भर ' शीर्षक ब...'एक आंसू मुस्कुराता रहा उम्र भर ' शीर्षक बिलकुल सटीक बैठता है कहानी पर ... भावुकता से भरी बहुत ही सुन्दर कहानी .....shobha mishrahttps://www.blogger.com/profile/17523944890996754964noreply@blogger.com