चौराहा

Saturday, July 27, 2013

करोड़पति बेस्टसेलर लेखक - अमीश त्रिपाठी से चण्डीदत्त शुक्ल की बातचीत

›
यह साक्षात्कार अहा! ज़िंदगी के साहित्य महाविशेषांक में छपा है, तब मैं अहा! का फीचर संपादक हुआ करता था :) पिछले दिनों इंटरनेट के पन्ने पल...
7 comments:
Wednesday, April 17, 2013

हर साल बस इंतज़ार

›
- चण्डीदत्त शुक्ल धुंधली होती गई धीरे-धीरे गुलाबी जनवरी. कोहरे की चुन्नी में बंधी रही, जाती हुई फरवरी के चांद की हंसी. मार्च की...
5 comments:
Wednesday, February 27, 2013

यह संस्मरण नहीं, वे अब भी हैं साथ ही कहीं

›
- चण्डीदत्त शुक्ल मेरे शहर का नाम गोंडा है। धुंध, धूल, हंसी, उदासी, ठंड नारेबाज़ी और सरोकार – हर मौसम, हर एहसास, अपनी पूरी बुलंदी पर। सुना...
1 comment:
Tuesday, December 18, 2012

मेरे पास मां है!

›
मेरा लिखा पहला नाटक, जिसका मंचन गोंडा में एक स्कूल के बच्चों ने कल किया... अच्छा लग रहा है :) नाटककार – चण्डीदत्त शुक्ल दृश्य-1     एक म...
1 comment:
Saturday, December 8, 2012

हे आमिर! उल्लू नहीं है पब्लिक

›
ज़रूरी सलाह बनाम खीझ - चण्डीदत्त शुक्ल आमिर खान साहेब नहीं आए। बुड़बक पब्लिक उन्हें `तलाश' करती रही। सिर्फ पब्लिक नहीं, बांग्ला मि...
4 comments:
Sunday, December 2, 2012

इस सदी की निहायत अश्लील कविता

›
- चण्डीदत्त शुक्ल @ 08824696345 * जरूरी नहीं है कि, आप पढ़ें इस सदी की, यह निहायत अश्लील कविता और एकदम संस्कारित होते हुए भी, देने...
9 comments:
Thursday, August 16, 2012

मन की मौज में न भूलें आजादी के मायने

›
दैनिक भास्कर के संपादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित आलेख चण्डीदत्त शुक्ल | Aug 15, 2012, 00:10AM IST आलेख   ...
2 comments:
Tuesday, July 24, 2012

एक उदास कविता

›
एक उदास कविता सबसे बुरा है उस हंसी का मर जाना जो जाग गई थी तुम्हारी एक मुस्कान से. जमा हुआ दुख पिघला, आंख से आंसू बनकर, तुमने समेट ली थी पीड...
3 comments:
›
Home
View web version
Powered by Blogger.