कौन-सी थी वो ज़ुबान / जो तुम्हारे कंधे उचकाते ही / बन जाती थी / मेरी भाषा / अब क्यों नहीं खुलती / होंठों की सिलाई / कितने ही रटे गए ग्रंथ / नहीं उचार पाते / सिर्फ तीन शब्द

मुसाफ़िर...

Thursday, January 28, 2010

पथभ्रष्ट कबूतरों की चोंच में दबे रह गए खत



जीन-बुशर्ट पहने लड़के-लड़कियां / जब-जब खटखटाते की-पैड / स्क्रीन पर उभरते कुछ हर्फ / 160 कैरेक्टर्स से / क्या बुनते थे वो / नहीं समझ पाया / मैं / जब तक नहीं आया था / तुम्हारा / एक औपचारिक लघु-संदेश / सुबह का सलाम पल्लू में बांधकर / अब जानता हूं / तकनीक के राग में भी / गुनगुनाते हैं / प्रेम के परिंदे / कबूतरों की गुटरगूं के बिना भी / तभी तो / अब जब भी / मैं तुम्हें एसएमएस करता हूं / और जवाब नहीं मिलता / तो लिखता हूं.../ एक रिप्लाई तो बनता है यार / मज़ेदार बात/ फिर भी नहीं मिला रिप्लाई!!!! शायद / कबूतर हो गए पथ-भ्रष्ट / और चोंच में दबाए खत / हो गए / फुर्र.....

Tuesday, January 26, 2010

ठंडी हथेली में मुस्कान की गुनगुनाहट

कल
बहुत अरसे बाद
जब राह में धुंध 
गहरी हो रही थी
और-और ज़्यादा
तब यकायक
गाढ़ी रात
तब्दील हो गई 
ताज़ा सुबह में 

तुम फुसफुसाईं
पागल हो?
समझते ही नहीं
मैं तुमसे प्यार करती हूं

ठहर गई सांस
थर्रा गया मैं
पूरा का पूरा
अपने वज़ूद के साथ...
तुम्हारी घृणा
तेज़ाब बन
तैरने लगी
जख़्मों के निशानों तक
सिमटने लगा मैं
अहसास-ए-क़मतरी के साथ

तभी फिर हिले तुम्हारे लब
क्या सोचते हो?
मुझे चूम नहीं सकते अब 
और आंखें देखने लगीं
वो सुबहें
खुली क़िताबों के पन्नों पर उभरी इबारतें
और यकायक दरख्त से उतर आईं गिलहरियां
चुगने लगीं हाथ से मूंगफलियां
उंगलियों के पोर
हो गए गीले
चुंबन की नमी से

सिर झटककर कहा मैंने
घृणा के बाज़ार में
अपेक्षा और उपेक्षा के सौदे
और नहीं, अब और नहीं...

हाथ बढ़ाकर समेट ली
अपनी ठंडी हथेली में
मैंने तुम्हारी मुस्कान की गुनगुनाहट
वादा रहा
अब कभी कालिख ना दूंगा
उठी अगर सीने में
तो निकालूंगा
और लगा दूंगा
तुम्हारी पलकों के नीचे
काजल की तरह

तुम भी रख लो
मुझे अपने गुलदस्ते में
मुरझाने ना दो
चाहत के ये फूल

Monday, January 25, 2010

क्लचर की जगह बांध लो...

पलकें खुलते ही / और सुर्ख हो जाते हैं / आंखों के डोरे / याद आती हैं सुबहें / तुम्हारी चाहतों के लाल रंग में रंगी हुई / पता नहीं, कहां से आती है / तुम्हारे हाथ की पकी रोटियों की सोंधी महक/ हर तरफ गूंजती है तुम्हारी हंसी की खनक / बार-बार / तुमने ही क्यों संजोकर रखीं मेरी चिल्लाहटें / मेरी किलकन के कुछ क़तरे / `क्लचर’ की जगह बांध लिए होते जूड़े के साथ / यूं भी तो, दिल अटका ही है / तुम्हारी जुल्फों की जंज़ीरों में…

Saturday, January 23, 2010

फिर भी है तलाश

दर्द है / कितना? / कोई ना पूछे/ बयां करना मुश्किल है!
पर यक़ीन मानो / हम दोनों मुस्कराएं / यही इतना इसका हल है!!
है नफ़रत तुम्हें मेरे वज़ूद से / मैं डरता हूं अपनी खुदगर्जियों के सबूत से /
फिर भी मिलते हैं हम / ढूंढते हैं एक-दूसरे को / मान भी लो, यही हमारे संग का संबल है....




Tuesday, January 19, 2010

तेरे लब कहां हैं, ओढ़ ले मेरी मुस्कान




मैंने दीं अश्कों से नम शामें  / तुमने खिलखिलाहटों से भरी सुबहें / मैं काला हुआ,  चीखता ही रहा  / तुम गुलाबी रहीं, कभी ना मद्धम हुईं / नादां था, हरदम भटकता रहा / अब जो तुम...नासाज़ हो---नाराज़ हो / पछता रहा हूं/ यकीन मानो / छीजता ही जा रहा हूं.../ ढीठ हूं, सो चाहता हूं / मेरी पलकों में सिमटे आंसू  पी लो / होंठों से..../ और मैं / अपने सीने में घुटी मुस्कान / टांक दूं / तुम्हारे लबों पर..

Saturday, January 2, 2010

ब्लॉगिंग पर किताब...ब्योरा चाहिए

नए साल पर नई सूचना... हिंदी ब्लॉगिंग पर एक महत्वपूर्ण किताब का प्रकाशन हो रहा है. मार्च तक किताब प्रकाशित होने की पूरी संभावना है. पुस्तक में शामिल करने के लिए कृपया ये जानकारी मुहैया कराएं. ब्योरा कृपया मेरे ई-मेल chandiduttshukla@gmail.com पर भेजें. अपना विवरण / परिचय फ़ोटो मूल व्यवसाय ब्लॉगिंग में चुनौती, टिप्पणीकारों का महत्व आपकी नज़र में टॉप-10 ब्लॉग आपके ब्लॉग का विषय और लिंक... कहां से मिली प्रेरणा नए ब्लॉगर्स को आपका संदेश (इसके साथ कोई शुल्क नहीं है) महत्वपूर्ण 1. कृपया ई-मेल की सब्जेक्ट लाइन में ज़रूर लिखें....blog-book : (your name) जैसे- blog-book : chandiduttshukla 2. विवरण यूनिकोड में भेजें और इसके लिए तीन दिन का समय ही लें. पुस्तक में कुछ इनपुट जोड़ना बाकी रह गया है और किताब इसी माह के अंत में प्रोडक्शन के लिए चली जाएगी. -- एक अनुरोध और है. मेरे पास जितने ब्लॉगर्स का मेल आईडी है, मैं उन्हें तो सूचना भेज ही रहा हूं. यदि आपके परिचय सूत्र में कोई अन्य साथी हैं, तो उन्हें भी कृपया ये ई-मेल फारवर्ड कर दें. धन्यवाद, चण्डीदत्त शुक्ल टेलिविजन पत्रकार नोएडा मेरा मोबाइल नंबर है 09873779183. www.chauraha1.blogspot.com